Thursday 1 June 2023

पांच तत्व "पंच महाभूत"

 


भारतीय प्रणाली के अनुसार शरीर के पांच तत्व हैं जिन्हें "पंच महाभूत" के नाम से जाना जाता है। ये तत्व विश्व के मूल निर्माण तत्व माने जाते हैं, जिसमें मनुष्य शरीर भी सम्मिलित है। भारतीय प्रणाली में पांच तत्व हैं:


पृथ्वी (धरती): पृथ्वी तत्व स्थिरता, गंभीरता और सदृशता को प्रतिष्ठित करता है। इसे गंध संवेदना और हड्डियों, मांसपेशियों, और ऊतकों के साथ जोड़ा जाता है।


जल (पानी): जल तत्व अवधारणा, संघटन और अनुकूलता को प्रतिष्ठित करता है। इसे रसना संवेदना और रक्त संचारी प्रणाली, शारीरिक तरलताएं, और प्रजनन प्रणाली के साथ जोड़ा जाता है।


अग्नि (ज्वाला): अग्नि तत्व परिवर्तन, पचन और प्रकाश को प्रतिष्ठित करता है। इसे दृष्टि संवेदना और पाचन तंत्र, जीवाश्म, और शरीर तापमान नियंत्रण के साथ जोड़ा जाता है।


वायु (हवा): वायु तत्व गति, हल्कापन और प्राणशक्ति को प्रतिष्ठित करता है। इसे स्पर्श संवेदना और श्वसन प्रणाली, तंत्रिका प्रणाली, और प्राण ऊर्जा के साथ जोड़ा जाता है।


आकाश (शून्य): आकाश तत्व व्यापकता, विस्तार और संयोजन को प्रतिष्ठित करता है। इसे सुनने की संवेदना और शरीर के अंदर के खोखले अंग, समेट और संचार प्रणाली के साथ जोड़ा जाता है।


आयुर्वेद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति में इन तत्वों का एक विशेष संयोजन होता है, जिसे उनका दोष कहा जाता है और यह उनकी शारीरिक और मानसिक विशेषताओं पर प्रभाव डालता है। योग और आयुर्वेद के अभ्यासों, जैसे कि जीवनशैली में सुधार, आहार के संशोधन, जड़ी-बूटीयों का उपयोग और शारीरिक चिकित्सा, के माध्यम से इन तत्वों के मध्य संतुलन को सुधारने का प्रयास किया जाता है।

Step to grow public speaking skill